ش | ی | د | س | چ | پ | ج |
1 | 2 | |||||
3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 |
10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 |
17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 |
24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 |
31 |
سکوت لحظه هایم ماجرا داشت درون سینه ی خود قصه ها داشت
شبی که عشق خود پنهان نمودی بسی مرغ دل من ناله ها داشت
بزن مطرب که در رقصم من امشب برون از قصه و بحثم من امشب
بزن که ساز تو افزون ز ساز است زبس مستم و سرمستم من امشب