ش | ی | د | س | چ | پ | ج |
1 | 2 | |||||
3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 |
10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 |
17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 |
24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 |
31 |
من به زخمه های گاه و بیگاه تو عادت دارم
با طعنه های بی دریغ تو من خو گرفته ام
هر چند که زخمه های تو تاب و توان می گیرند ولی هنوز هم بودن بی تو مرا آزار می دهد. تحمل زخمه ها آسانتر تا تحمل لحظه های نبودن تو